2015 और 2016 में कई रक्षा विश्लेषकों में आतंकवादी हमलों के बाद एक खुफिया एजेंसी है जो यूरोप के सभी काम करेगा बनाने का प्रस्ताव रखा। समर्थकों का तर्क है कि यह सदस्य देशों के बीच खुफिया सरल बनाने और भविष्य आतंकवादी हमलों को रोका जा सके। ब्रिटेन सहित विरोधियों का तर्क है कि यह नागरिक स्वतंत्रताओं को नुकसान पहुंचाने के बाद से यह यूरोपीय संघ के सभी 28 सदस्यों के साथ खुफिया जानकारी साझा करने के लिए सामग्री देशों के लिए मजबूर होगा।
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